Monday, March 29, 2010

मगर कहने से उन्हे डरते है

महोब्बत जिससे करते है, हम
मगर कहने से उन्हे डरते है, हम।
जाने कह¡ा से वो सवेरा बन के आ गई,
पल में ही सूरत उसकी दिल में समा गई।
अपनी एक अदा पे हमे अपना दिवाना बना डाला,
अपनी मुस्कुराहट से जिसने इस दिल पे जादू चला डाला।
अब तो उनकी हर अदा पे मरते है, हम
मगर कहने से अभी तक डरते है, हम।
देख के चैहरा उनका अब होती है, सुबहो-शाम
इस दिल पे लिख बैठे है, उनके प्यार का पैगाम।
कैसे बताए उनसे कितना प्यार करते है, हम
मगर कहने से उन्हे अभी भी डरते है, हम।

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