दुनिया¡ में हर ईन्सान के कुछ सपने होते है।
इस प्यार भरी दुनिया¡ में कुछ अपने होते है।
मगर फिर भी एसा लगता है।
जैसे हर महफिल में हम तन्हा होते है।
सपने सजोना हर र्इसांन को अच्छा लगता है,
सपनों को सच करना बड़ा प्यारा लगता है।
इन्ही सपनों में कई फूल खिलते है,
जुदा होकर भी लोग सपनों में मिलतें है।
सपनों की इस दुनिया¡ में उतरना किसे अच्छा नही लगता,
मगर हर सपना ना जाने क्यो सच्चा नही लगता।
सजोए हुए सपने जब टूट जाते है,
लगता है, जैसे चा¡द तारे रूठ जाते है।
सपने जब बिखर जाते है, तो
संग दिल के अरमान जल जाते है।
इस दुनिया¡ में रह जाता है, ये दिल,
तन्हा-तन्हा और सिर्फ तन्हा।
Shayari
हमने अब तक जिसे समझा बैगाना, हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना। हमने ये अब तक क्यो नही जाना, हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
Sunday, June 19, 2011
Thursday, September 16, 2010
एक परवाना
हमने अब तक जिसे समझा बैगाना,
हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना।
हमने ये अब तक क्यो नही जाना,
हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
खिड़की में जब भी आना हो हमारा,
आ¡खो से अपनी हमे करता वो ईशारा।
उनके ईशारे हम समझ ना पाये,
नादान थे क्यो? इतने कोई ये तो बताए।
रात को चा¡द जब हमने देखा,
आच¡ल में हमारे एक फूल को फेंका।
फूल को लेकर जब देखा हमने उनको,
हल्का सा ईशारा फिर किया हमको,
अब तो हम सब कुछ जान चुके हैं,
मन में उन्हें अपना हम मान चुके हैं।
हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना।
हमने ये अब तक क्यो नही जाना,
हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
खिड़की में जब भी आना हो हमारा,
आ¡खो से अपनी हमे करता वो ईशारा।
उनके ईशारे हम समझ ना पाये,
नादान थे क्यो? इतने कोई ये तो बताए।
रात को चा¡द जब हमने देखा,
आच¡ल में हमारे एक फूल को फेंका।
फूल को लेकर जब देखा हमने उनको,
हल्का सा ईशारा फिर किया हमको,
अब तो हम सब कुछ जान चुके हैं,
मन में उन्हें अपना हम मान चुके हैं।
Monday, September 13, 2010
Ganesh Ji Wallpaper
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Saturday, April 3, 2010
उनका मेरी जींदगी में आना
पहली बार उन्होने देखा इस कदर हमको,
के भूल गए एक पल के लिए हर गम को।
फिर जब दुबारा मुलाकात हुई,
ना जाने कब दिन कब रात हुई।
अब तक हमारी जींदगी में था सिर्फ अंधेरा,
कब सूरज बन के इस जींदगी में उन्होने कर दिया सवेरा।
बातें इस कदर उनकी इस दिल पे छा गई,
ना चाहने पर भी दिल को याद उनकी आ गई।
अब तक इस जींदगी में ना कोई था हमारा,
आकर उन्होने ही इस जींदगी को अपने प्यार से सवांरा।
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के भूल गए एक पल के लिए हर गम को।
फिर जब दुबारा मुलाकात हुई,
ना जाने कब दिन कब रात हुई।
अब तक हमारी जींदगी में था सिर्फ अंधेरा,
कब सूरज बन के इस जींदगी में उन्होने कर दिया सवेरा।
बातें इस कदर उनकी इस दिल पे छा गई,
ना चाहने पर भी दिल को याद उनकी आ गई।
अब तक इस जींदगी में ना कोई था हमारा,
आकर उन्होने ही इस जींदगी को अपने प्यार से सवांरा।
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Monday, March 29, 2010
मगर कहने से उन्हे डरते है
महोब्बत जिससे करते है, हम
मगर कहने से उन्हे डरते है, हम।
जाने कह¡ा से वो सवेरा बन के आ गई,
पल में ही सूरत उसकी दिल में समा गई।
अपनी एक अदा पे हमे अपना दिवाना बना डाला,
अपनी मुस्कुराहट से जिसने इस दिल पे जादू चला डाला।
अब तो उनकी हर अदा पे मरते है, हम
मगर कहने से अभी तक डरते है, हम।
देख के चैहरा उनका अब होती है, सुबहो-शाम
इस दिल पे लिख बैठे है, उनके प्यार का पैगाम।
कैसे बताए उनसे कितना प्यार करते है, हम
मगर कहने से उन्हे अभी भी डरते है, हम।
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मगर कहने से उन्हे डरते है, हम।
जाने कह¡ा से वो सवेरा बन के आ गई,
पल में ही सूरत उसकी दिल में समा गई।
अपनी एक अदा पे हमे अपना दिवाना बना डाला,
अपनी मुस्कुराहट से जिसने इस दिल पे जादू चला डाला।
अब तो उनकी हर अदा पे मरते है, हम
मगर कहने से अभी तक डरते है, हम।
देख के चैहरा उनका अब होती है, सुबहो-शाम
इस दिल पे लिख बैठे है, उनके प्यार का पैगाम।
कैसे बताए उनसे कितना प्यार करते है, हम
मगर कहने से उन्हे अभी भी डरते है, हम।
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Thursday, March 25, 2010
इन्तजार
दुर कही आसमां में जब सूरज ढलता है।
इन्तजार में किसी के ये दिल मचलता है।
जब कभी हमने चा¡द को देखा,
चा¡द में उनकी तस्वीर को देखा,
दिल में उनकी तस्वीर बसाके,
बंद करे हम जब अपनी आ¡खे,
लगता है, जैसे सपनों में आके।
कह जाते वो कुछ पास में आके।
अब तो हर पल इस दिल को,
सिर्फ उनका है, इन्तजार।
कैसे बताए हम उनको,
करते है, हम उनसे कितना प्यार।
इन्तजार में किसी के ये दिल मचलता है।
जब कभी हमने चा¡द को देखा,
चा¡द में उनकी तस्वीर को देखा,
दिल में उनकी तस्वीर बसाके,
बंद करे हम जब अपनी आ¡खे,
लगता है, जैसे सपनों में आके।
कह जाते वो कुछ पास में आके।
अब तो हर पल इस दिल को,
सिर्फ उनका है, इन्तजार।
कैसे बताए हम उनको,
करते है, हम उनसे कितना प्यार।
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