महोब्बत जिससे करते है, हम
मगर कहने से उन्हे डरते है, हम।
जाने कह¡ा से वो सवेरा बन के आ गई,
पल में ही सूरत उसकी दिल में समा गई।
अपनी एक अदा पे हमे अपना दिवाना बना डाला,
अपनी मुस्कुराहट से जिसने इस दिल पे जादू चला डाला।
अब तो उनकी हर अदा पे मरते है, हम
मगर कहने से अभी तक डरते है, हम।
देख के चैहरा उनका अब होती है, सुबहो-शाम
इस दिल पे लिख बैठे है, उनके प्यार का पैगाम।
कैसे बताए उनसे कितना प्यार करते है, हम
मगर कहने से उन्हे अभी भी डरते है, हम।
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हमने अब तक जिसे समझा बैगाना, हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना। हमने ये अब तक क्यो नही जाना, हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
Monday, March 29, 2010
Thursday, March 25, 2010
इन्तजार
दुर कही आसमां में जब सूरज ढलता है।
इन्तजार में किसी के ये दिल मचलता है।
जब कभी हमने चा¡द को देखा,
चा¡द में उनकी तस्वीर को देखा,
दिल में उनकी तस्वीर बसाके,
बंद करे हम जब अपनी आ¡खे,
लगता है, जैसे सपनों में आके।
कह जाते वो कुछ पास में आके।
अब तो हर पल इस दिल को,
सिर्फ उनका है, इन्तजार।
कैसे बताए हम उनको,
करते है, हम उनसे कितना प्यार।
इन्तजार में किसी के ये दिल मचलता है।
जब कभी हमने चा¡द को देखा,
चा¡द में उनकी तस्वीर को देखा,
दिल में उनकी तस्वीर बसाके,
बंद करे हम जब अपनी आ¡खे,
लगता है, जैसे सपनों में आके।
कह जाते वो कुछ पास में आके।
अब तो हर पल इस दिल को,
सिर्फ उनका है, इन्तजार।
कैसे बताए हम उनको,
करते है, हम उनसे कितना प्यार।
Wednesday, March 24, 2010
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Sunday, March 21, 2010
एक परवाना
हमने अब तक जिसे समझा बैगाना,
हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना।
हमने ये अब तक क्यो नही जाना,
हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
खिड़की में जब भी आना हो हमारा,
आ¡खो से अपनी हमे करता वो ईशारा।
उनके ईशारे हम समझ ना पाये,
नादान थे क्यो? इतने कोई ये तो बताए।
रात को चा¡द जब हमने देखा,
आच¡ल में हमारे एक फूल को फेंका।
फूल को लेकर जब देखा हमने उनको,
हल्का सा ईशारा फिर किया हमको,
अब तो हम सब कुछ जान चुके हैं,
मन में उन्हें अपना हम मान चुके हैं।
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हकीकत में निकला वो हमारा दिवाना।
हमने ये अब तक क्यो नही जाना,
हमारे लिए भी जल रहा एक परवाना।
खिड़की में जब भी आना हो हमारा,
आ¡खो से अपनी हमे करता वो ईशारा।
उनके ईशारे हम समझ ना पाये,
नादान थे क्यो? इतने कोई ये तो बताए।
रात को चा¡द जब हमने देखा,
आच¡ल में हमारे एक फूल को फेंका।
फूल को लेकर जब देखा हमने उनको,
हल्का सा ईशारा फिर किया हमको,
अब तो हम सब कुछ जान चुके हैं,
मन में उन्हें अपना हम मान चुके हैं।
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Saturday, March 13, 2010
यादें
इस जीदंगी सें जब हम चले जायेगें
सच कहते हैं। आपको बड़ा याद आयेगें।
जब याद हमारी आये तो ना होना तुम उदास
वही कही रहेगें हम सदा आपके पास।
कभी फूल तो कभी बनके बहार
रहेगें हम सदा तूम्हारे साथ।
जब कभी हमसे तूम्हे करनी हो बात
तो करना बात तूम सदा हवा तो कभी सितारों के साथ।
जब कभी हमसे मिलने की हो आस
तो ना करना तूम अपने मन को निराश
चले आना रात को तूम चा¡द के पास
वहीं कहीं हम तुम्हे नजर आयेगें
एक झलक दिखाके बादलों में छुप जायेगें।
--------------------------------------------------
सपनों की दुनिया¡
दुनिया¡ में हर ईन्सान के कुछ सपने होते है।
इस प्यार भरी दुनिया¡ में कुछ अपने होते है।
मगर फिर भी एसा लगता है।
जैसे हर महफिल में हम तन्हा होते है।
सपने सजोना हर र्इसांन को अच्छा लगता है,
सपनों को सच करना बड़ा प्यारा लगता है।
इन्ही सपनों में कई फूल खिलते है,
जुदा होकर भी लोग सपनों में मिलतें है।
सपनों की इस दुनिया¡ में उतरना किसे अच्छा नही लगता,
मगर हर सपना ना जाने क्यो सच्चा नही लगता।
सजोए हुए सपने जब टूट जाते है,
लगता है, जैसे चा¡द तारे रूठ जाते है।
सपने जब बिखर जाते है, तो
संग दिल के अरमान जल जाते है।
इस दुनिया¡ में रह जाता है, ये दिल,
तन्हा-तन्हा और सिर्फ तन्हा।
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सच कहते हैं। आपको बड़ा याद आयेगें।
जब याद हमारी आये तो ना होना तुम उदास
वही कही रहेगें हम सदा आपके पास।
कभी फूल तो कभी बनके बहार
रहेगें हम सदा तूम्हारे साथ।
जब कभी हमसे तूम्हे करनी हो बात
तो करना बात तूम सदा हवा तो कभी सितारों के साथ।
जब कभी हमसे मिलने की हो आस
तो ना करना तूम अपने मन को निराश
चले आना रात को तूम चा¡द के पास
वहीं कहीं हम तुम्हे नजर आयेगें
एक झलक दिखाके बादलों में छुप जायेगें।
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सपनों की दुनिया¡
दुनिया¡ में हर ईन्सान के कुछ सपने होते है।
इस प्यार भरी दुनिया¡ में कुछ अपने होते है।
मगर फिर भी एसा लगता है।
जैसे हर महफिल में हम तन्हा होते है।
सपने सजोना हर र्इसांन को अच्छा लगता है,
सपनों को सच करना बड़ा प्यारा लगता है।
इन्ही सपनों में कई फूल खिलते है,
जुदा होकर भी लोग सपनों में मिलतें है।
सपनों की इस दुनिया¡ में उतरना किसे अच्छा नही लगता,
मगर हर सपना ना जाने क्यो सच्चा नही लगता।
सजोए हुए सपने जब टूट जाते है,
लगता है, जैसे चा¡द तारे रूठ जाते है।
सपने जब बिखर जाते है, तो
संग दिल के अरमान जल जाते है।
इस दुनिया¡ में रह जाता है, ये दिल,
तन्हा-तन्हा और सिर्फ तन्हा।
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